https://www.rohitexplore.com Save Ladakh - लद्दाख में क्या हो रहा है !

Save Ladakh - लद्दाख में क्या हो रहा है !


लद्दाख में इन दिनों में क्या हो रहा है क्यों 300 से अधिक लोग और सोनम वांगचुक के साथ खुले आसमान के नीचे 6 मार्च से  दिन रात  -10 डिग्री सर्दी में आंदोलन कर रहे हैं बिना कुछ खाए पिया ।

चलिए हम आप को बताते है ।

2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद ( Article ) 370 को हटाकर जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया और दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया जम्मू कश्मीर, लद्दाख । अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख में दोनो केंद्र शासित प्रदेशों में  विकास की बात जोरो शोरो से होने लगी उस समय लद्दाख को विधान सभा क्षेत्र देने की बात कही गई थी लेकिन  सरकार ने आपने वादे को पूरा नहीं कर पाई दोनो केंद्र शासित प्रदेशों में विकास एक समान नहीं किया गया ।

कौन है सोनम वांगचुक -  सोनम वांगचुक जन्म 1 सितंबर 1966) लद्दाख के लेह जिले में अल्ची गांव में हुआ शुरुआत के सालों में इनकी माता जी इनकी पढ़ाई पूरी कराई थी सात वर्ष के उम्र तक इनके पिता जी सोनम वांग्याल एक राजनेता थे जो बाद में श्रीनगर में राज्य सरकार में मंत्री थे । वांगचुक ने श्रीनगर से Mechanical Engineering 1981 में किया । वह छात्रों के एक समूह द्वारा 1988 में स्थापित स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) के संस्थापक-निदेशक भी हैं। संस्थापक छात्रों के अनुसार वो एक ऐसी विदेशी शिक्षा प्रणाली के पीड़ित हैं जिसे लद्दाख पर थोपा गया है। सोनम को एसईसीएमओएल परिसर को डिजाइन करने के लिए भी जाना जाता है। जो पूरी तरह से सौर-ऊर्जा पर चलता है, और खाना पकाने, प्रकाश या तापन (हीटिंग) के लिए जीवाश्म ईंधन का उपयोग नहीं करता है। वांगचुक सिर्फ इंजीनियर नही है अभियन्ता, नवाचारी और शिक्षा सुधारक हैं।सोनम वांगचुक को सरकारी स्कूल व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सरकार, ग्रामीण समुदायों और नागरिक समाज के सहयोग से 1994 में "ऑपरेशन न्यू होप" शुरु करने का श्रेय भी प्राप्त है। सोनम ने बर्फ-स्तूप (Ice Stupa) तकनीक का आविष्कार किया है जो कृत्रिम हिमनदों (ग्लेशियरों) का निर्माण करता है, शंकु आकार के इन बर्फ के ढेरों को सर्दियों के पानी को इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।2009 में आई थ्री इडियट्स फिल्म में आमिर खान का किरदार फुंगसुक वांगडू इन्हीं की जिंदगी से प्रेरित था।

सोनम वांगचुक को बहुत से पुरस्कार से सम्मानित किया गया है जैसे - ग्लोबल अवार्ड फॉर सस्टेनेबल आर्कीटेक्चर (2017) रोलेक्स अवार्ड फॉर एंटरप्राइज (2016) रियल हीरोज़ अवार्ड (2008) शोक फेलोशिप फॉर सोशल एंटरप्रेन्योरशिप (2002)रमन मेग्सेसे अवॉर्ड (2018) इस पुरस्कार को ऐशिया का नोबल पुरस्कार कहा जाता है ।


लद्दाख के लोगो के मुख्य चार मांग है जो इस प्रकार है

• राज्य का दर्जा या विधानसभा - लद्दाख के लोग सबसे पहले राज्य का दर्जा या विधान परिषद चाहते है ताकि वो अपनी मनपसंद की सरकार को चुन सकें जो सरकार उनके हित के लिय कार्य कर सकें ।

• अनुसूची 06 के तहत जनजातीय दर्जा - अनुसूची 06 की मांग लद्दाख एक पहाड़ी बर्फीला क्षेत्र है लद्दाख की 97% जनसंख्या  ट्राइबल ( जनजातीय) जहां बड़ी मात्रा में पर्यटक घूमने आते है जिसे बड़े स्तर पर होटल, Restaurant  निर्माण किया जा रहा है जिसे वहा की भूमि में अधिक परिर्वतन हो रहा है लद्दाख के लोग आपने  भूमि या आपने परंपरा को बचाने के लिय अनुसूची 06 की मांग कर रहे हैं अनुसूची 06 के तहत वो कानून का निर्माण कर सकते है ।

• लोक सेवा आयोग - लद्दाख के पास अपना लोक सेवा आयोग नहीं है जिससे वो आपने मुख्य सरकारी कर्मचारी की पदों की भर्ती नहीं कर सकते हैं वो दूसरे राज्यों के कर्मचारियों को लद्दाख में नियुक्ति की जाती है सोनम वांगचुक और उनके साथ जुड़े लोग अपना खुद का लोक सेवा आयोग की मांग कर रहे हैं जैसे की JKPSC,BPSC आदि।

• लेह और कारगिल को संसद में अलग अलग - 2 सीटें मिले  - सोनम वांगचुक और उनके साथ जुड़े लद्दाख की समस्या को हल करने के लिए या उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए लद्दाख के पास खुद की राज्य सभा में एक भी सीट नहीं है लद्दाख के लोक सभा में केवल एक सीट है राज्य सभा में एक भी नहीं है अपनी बातों को मानने का मुख्य जरिया नहीं है इसलिए  हुए लोग राज्य सभा में दो सीटें की मांग कर रहे हैं

लद्दाख के लोग सोनम वांगचुक के साथ जुड़कर उनके नेतृत्व (Leadership) में पिछले कई दिनों से - 10 डिग्री के रूह कांपने वाली सर्दी में भूखे प्यासे 300 से अधिक लोग आपने लद्दाख को बचाने के लिय आन्दोलन कर रहे है यह आन्दोलन तीन चरण में किया जायेगा पहला चरण 6 मार्च से शुरू किया गया था जिसमे सोनम वांगचुक खुले आसमान के नीचे बिना कुछ खाए प्रोटेस्ट (विरोध) कर रहे है सोनम वांगचुक 21 दिन बाद 26 मार्च एक छोटे बच्चे के हाथ से  जूस पी कर पहले चरण के आन्दोलन को पूरा किया अब दूसरे चरण लद्दाख के महिलाओं के द्वारा किया जा रहा है और तीसरा चरण लद्दाख के अन्य लोग के द्वारा पूरा किया जायेगा लद्दाख में जो हो रहा है उनकी बातों और उनकी मांग को कोई भी बात नही कर रहा है ना ही मीडिया में इसकी बात हो रही है। ये आन्दोलन जारी रहेगा ये जब तक किया जायेगा जब तक की सरकार इनकी मांगो को पूरा नहीं करती है ।


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