अरुणाचल प्रदेश भारत की पूर्वी अंग है अरूणाचल प्रदेश की सीमा तीन देशों से जुड़ी हुई है भूटान,म्यांमार और चीन।चीन एक अविश्वनीय देश है जिस पर भरोसा करना थोड़ा मुश्किल है अरूणाचल प्रदेश पहाड़ी क्षेत्र है अरुणाचल प्रदेश की 84,000 किमी 2 के क्षेत्र में कुल जनसंख्या लगभग 14 लाख (2011 तक) है, जो जनसंख्या घनत्व लगभग 17 जनसंख्या/किमी 2 (भारतीय औसत 370 जनसंख्या से काफी कम) है। / किमी 2 लेकिन समान पहाड़ी लद्दाख से काफी अधिक)। पहाड़ी इलाके होने से यहां पर जरूरत के हिसाब सड़के नही है जो आपातकालीन स्थिति में यहां पर पहुंचना थोड़ा कठिन है इसी वजह से चीन अरूणाचल प्रदेश की सीमा में घुसने की कोशिश करता रहता है और अरूणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है
इस सेला सुरंग का उद्घाटन 9 मार्च शनिवार 2024 को PM (Prime Minister) नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया है
सेला सुरंग 3000 मीटर (9800 फीट ) की ऊंचाई पर एक सड़क सुरंग है दुनिया की सबसे लंबी डबल लेन टनल है जो 13 हजार 700 फीट की ऊंचाई पर बनी ये सुरंग रणनीतिक लिहाज से भी बहुत जरूरी है जो असम के तेजपुर को और अरुणाचल प्रदेश में तवांग को जोड़ने वाली सड़क बन गई है सेला सुरंग यह सुनिश्चित करेगा की बोमडिब्बा और तवांग के बीच 171 किलोमीटर लंबी सड़क है इस परियोजना में दो सुरंगें और एक लिंक रोड है। सुरंग 1 (टनल) 980 मीटर लंबी सिंगल-ट्यूब सुरंग है, जबकि सुरंग 2 (टनल) 1,555 मीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग है, जिसमें एक बाय-लेन ट्यूब यातायात के लिए और दूसरी आपातकालीन सेवाओं के लिए है। इन सुरंगों के बीच लिंक रोड 1,200 मीटर तक फैली हुई है। यह सुरंग पूरे वर्ष अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में हर मौसम में खुली रहने वाली सड़क द्वारा तवांग तक पहुंच प्रदान करती है। जो हर मौसम में पहुंचने योग्य होगा
- यह सुरंग BRO (Border Roads Organisation) के द्वारा पूरा किया गया है °सेला टनल भारत के सीमा सुरक्षा में महत्व भूमिका निभाएगा
- सेला दर्रे से 400 मीटर नीचे स्थित सेला सुरंग सर्दियों के मौसम के दौरान भी एक महत्त्वपूर्ण मार्ग प्रदान करेगा
- सेला सुरंग चीन भारत सीमा पर सैनिक, हथियारों और मशीनरी को तेजी से ले जाने में मदद करेगी
इस सुरंग का निर्माण BRO (Border Roads Organisation) और Project Vartak के तहत किया गया है यह वास्तविक नियंत्रण रेखा के भारत के पूर्वी हिस्से में सामने चीन के पश्चिमी थिएटर कमांड के खतरे से निपटने में भारतीय सेना की क्षमताओ को बढ़ाएगा इससे तेजपुर में भारतीय सेना के IV कोर ( IV कोर भारत के पूर्वी या अरूणचल प्रदेश की सीमा की रक्षा करते है) मुख्यालय से तवांग तक यात्रा का समय कम से कम 10 km या 1 घंटा कम हो जाएगा और तवांग पहुंचने के लिए NH( National Highway) 13 को सभी मौसम के लिय एक मदद मिलेगी जो आमतौर पर सर्दियों के दौरान बर्फ गिरने से सड़क बंद हो जाती थी
यह सुरंग तवांग की पर्यटक क्षमता को बढ़ाएगी अधिक पर्यटन को अकृषित करेगी जिससे तवांग उत्तर पूर्वी में और अधिक लोकप्रिय गत्व्य बना जाएगा